भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
झील / प्रेमशंकर शुक्ल
Kavita Kosh से
झील
एक आकाँक्षा है
जिसमें पानी का भाव
लहराता रहता है
समय की घाटी में
बड़ी झील
राजा भोज की जयगाथा है
बहुत तरफ़ से बहते पानी को
मुकाम देती हुई बड़ी झील
अपने एक नाम में
भोजताल है
इस तरह --
भोपाल के नामकरण में
बड़ी झील का ही पानी लगा हुआ है