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झुण्ड / कुमार कृष्ण
Kavita Kosh से
बीजों की रखवाली में काठ का आदमी
आखिर कब तक पहरेदारी कर सकता है
हमेशा कारगर नहीं होती दहशत
बिजूका अब भय का दूसरा नाम नहीं
अच्छी तरह जान गई हैं चिड़ियाँ
काठ और चीथड़ों का सच
खेत पर हमला करने कोई भी पक्षी
अब अकेला नहीं झुण्ड में आता है
बिजूका की दहशत के खिलाफ
पक्षियों ने बना लिये हैं
अपने-अपने झुण्ड
झुण्ड ज़िन्दगी का दूसरा नाम है।