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झूमर / श्रीस्नेही
Kavita Kosh से
चलऽ हे दाय चलऽ चलऽ हे दाय
भोला के आपनऽ मनावैलेॅ।
भोला के आपनऽ मनावैलेॅ
शिवशंकर के आपनऽ रीझावैले॥
बेली-चमेली हुनका नै भावै।
अत्तर-गुलाब जल देखी गोस्साबै॥
बेलऽ के पत्ता धतूरा सोहाय।
चलऽ चलऽ हे दाय॥ भोला के ...
काया जराय सखि भसम सखि भसम लगैबै।
आँखी के लोरऽ सें हुनका नभैवै॥
करीके भगतिया लेबै रीझाय।
चलऽ चलऽ हे दाय॥ भोला के...