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झूले लाल चओ मिली प्यारा / लीला मामताणी

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झूले लाल चओ मिली प्यारा
कन्दो कष्ट दूर दुख सारा।
हथ जोड़े सिरड़े खे निवाए,
पाइ पलउ नींहं वारा
झूले लाल चओ मिली प्यारा।

1.
सिंधुड़ीअ में तूं आएं साजन
दर्दवंदनि जी दांहं ॿुधी।
गीता में तो वचन ॾिनो हो,
हीणनि जी तो सार लधी॥
अमर जोति तुंहिंजी जल मां निकिती
झन झन झन झनकारा।
झूलेलाल चओ मिली प्यारा॥

2.
तेज़ खणी तलवार हथनि में
घोड़े ते सवार बणी।
देव देवियुनि कई गुलनि जी वर्खा
शिव पातो हो हारु खणी॥
मिर्ख जी निंड फिटी वई,
ॿुधी झूले लाल जा नारा ड़े॥
झूलेलाल चओ मिली प्यारा॥