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टाफी जैसे दिन हों भाई / प्रकाश मनु
Kavita Kosh से
टॉफी जैसे दिन हों भाई
लड्डू-पेड़े जैसी रातें,
परीलोक के मीठे किस्से
चिड़ियों जैसी प्यारी बातें।
तो भाई, यह दुनिया अपनी
एक कहानी जैसी होगी,
पापा होंगे जैसे राजा
मम्मी रानी जैसी होगी।