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ट्रेडमिल / संगीता कुजारा टाक
Kavita Kosh से
तुम
मेरे सामने खड़े हो
पर
मैं तुम्हें छू नहीं पाती
तुम तक
पहुँच नहीं पाती
जैसे
ट्रेडमिल पर
चलता हुआ आदमी
चलता तो रहता है
पर कहीं
पहुँचता नहीं
पैसों से कई नुकसान है