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ट्वटा / धर्मेन्द्र नेगी
Kavita Kosh से
ब्याला बिज्वार सि
हट्टा - कट्ठा
निकज्जा-निठल्ला
बण्यांन पट्ठा
सैरा दिन जुआ
पत्ता - सट्टा
ब्यखुनि दारू
भंगुल़ा स्वटा
भै - भयों मा
लठ्ठम - लठ्ठा
जब देखा तब
गुथ्थम गुथ्था
हत्थों मा जुत्ता
बरमंडम च्वट्टा
यांखुणै ब्वलदिन
अपणु हि ट्वटा
अपणि हि ठट्टा।