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ठौड़ / ॠतुप्रिया
Kavita Kosh से
हात री लेणां
दरसावै
कै
थूं बणसी
भौत बडौ
अफसर
उणी दिन
सोग्यौ ओढ’र
सोड़
अबै फिरै
ठोड़-ठोड़।