डमरू आला / मंगली आला शायर
मैं तेरे धाम पै आया भोले तेरा धाम निराला रै
जो खुशियाँ तै झोली भरदे मन की चाही करदे वह डमरु आला रै
मैं ओम नाम का जाप करू
मेरी आनंद होज्या काया जी
केदारनाथ कदे सोमनाथ
कदे रिषिकेश म आया जी
गलै म्हं नाग जो लेरया साथ म्हं नंदी लेरया
वो बाबा भोला रै
जो खुशियाँ तै झोली भरदे मन की चाही करदे
वो डमरु आला रै
इन उतराखण्ड की वादियाँ म्हाँ रहणा चाऊ सूं
मैं तेरी गोद म्हं भोले बाबा सोणा चाऊ सूं
तेरी भक्ति म्हं भोलेनाथ मैं खोणा चाऊ सू
हो पशुपति नाथ मेरे तेरे गुण म्हं गाऊ सू
पेट पिलानी भोले रै हरिद्वार म्हं आऊगाँ
फेर मार के डूबकी गँगा म्हं तेरी कावड़ ठाऊगाँ
गणी दूर तै आया सू तेरे दर्शन पाऊगाँ
हरियाणे तै आया सू तेरे दर्शन पाऊगाँ
हो तांडव नाच दिखारया भोला
घात पै भस्म रमारया भोला
मेरे सारे शनिचर दूर करै
मेरे बिगडे़ काम बणारया भोला
जिस की आँख लाल मेरा महाकाल
वो कंठ नीले आला रै
जो खुशियाँ तै झोली भरदे मन की चाही करदे
वो डमरु आला र
मेरै दिल म्हं स तेरी मूरत रै
तेरी कितनी प्यारी सूरत रै
मेरै सिर प हाथ भोले दर दै नै
मनै तेरी सै जरूरत रै
तेरी भक्ति म्हं लिन रवै
वो गाम मंगाली आला रै
जो खुशियाँ तै झोली भरदे मन की चाही करदे
वो डमरु आला र