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डरें नहीं को‌ई भी मुझसे / हनुमानप्रसाद पोद्दार

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 (राग भीमपलासी-ताल कहरवा)

 डरें नहीं को‌ई भी मुझसे, कभी न को‌ई हों संत्रस्त।
 कभी न को‌ई हों अपमानित, हों न तिरस्कृत दुःखग्रस्त॥
 सुख सबको हो, हित हो सबका, मुझसे सब पायें समान।
 सब आदर-सत्कार प्राप्त हों, पायें सब शुचि सेवा-दान॥
 पायें सभी सरल मनका सौहार्द, सभी निश्छल व्यवहार।
 सत्य मधुरतामय, हितमय हो जीवनका विशुद्ध आचार॥
 पायें सभी शान्ति-‌आश्वासन, पायें धैर्य-धर्म-कल्याण।
 हों सबके ही विकसित जीवन, प्राप्त करें सब नूतन प्राण॥