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डोॅर / अशोक शुभदर्शी
Kavita Kosh से
हथियार छेकै
हमरोॅ माथे
हमरोॅ विरुद्ध
हमरोॅ दुश्मन के
हथियार छेकै
हमरोॅ मित्रे
हमरोॅ विरूद्ध
हमरोॅ दुश्मन के
हथियार छेकै
हमरोॅ प्रमिका ही-
हमरोॅ विरूद्ध
हमरोॅ दुश्मन के।