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ढूंढ लूंगा जिस दिन अपने आपको / रमेश तन्हा
Kavita Kosh से
ढूंढ लूंगा जिस दिन अपने आपको
मैं समझ लूंगा कि मंज़िल मिल गई
चाहे जैसे हो किसी कीमत भी हो
ढूंढ लूंगा जिस दिन अपने आपको
खुद ही मिट जाऊंगा सारी गो-मगो
फैल जायेगी यकीं की रौशनी
ढूंढ लूंगा जिस दिन अपने आपको
मैं समझ लूंगा कि मंज़िल मिल गई।