तकलामाकन रेगिस्तान / को उन / अनिल जनविजय
मैं तकलामाकब रेगिस्तान की तरफ़
क्यों जा रहा हूँ ?
वहाँ तो सबकुछ ख़ाली - ख़ाली है।
पचहत्तर साल की उम्र में मैं
तकलामाकब रेगिस्तान
क्यों जा रहा हूँ ?
सभी शब्द पीछे छोड़कर
उस ख़ालीपन की चीख़ की तरफ़ ।
मैं तकलामाकब रेगिस्तान
क्यों जा रहा हूँ ?
मैं अब और बरदाश्त नहीं कर सक्ता
अपने लालच को
या रेगिस्तान की लिप्सा को ।
वहाँ तकलामाकन रेगिस्तान में
ख़ामोश पड़ी है
एक हज़ार साल से एक खोपड़ी ।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : अनिल जनविजय
लीजिए, अब अँग्रेज़ी में यही कविता पढ़िए
Ko Un
Taklamakan Desert
Why I’m going to the Taklamakan Desert:
the emptiness there.
Why I’m going to the Taklamakan Desert
at seventy-five, leaving all words behind: the cry
of the emptiness there.
Why I’m going to the Taklamakan Desert:
I can no longer stand
the world’s greed
or mine.
There, in the Taklamakan Desert,
the silence of a thousand-year-old skull.
Translated from the Korean By Suji Kwock Kim & Sunja Kim Kwock