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तनी हँस्सोॅ तेॅ / रूप रूप प्रतिरूप / सुमन सूरो

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हर सकठे इंजोरिया लजाय;
तनी हँस्सोॅ तेॅ छिटकेॅ जुन्हाय!
गमकै छै जिगनी के फूल तोरोॅ साँस सें
बदलै छै दुक्ख-ताप सुख-बिश्वास सें
अँखियाँ के कोर तोरोॅ भोर के सहेलिया
आसोॅ में कोंढ़ी नहाय! तनी...।।
हियरा के धड़कन छै कंगना के बोल में
सिहरै छै तार-तार, प्यार के मचोल में
केसिया में कैद तोरोॅ रात के अन्हरिया
खोलोॅ तेॅ भमरा उड़ाय। तनी.।।