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तन्हा ऐश के ख़्वाब न बुन / नासिर काज़मी

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तन्हा ऐश के ख़्वाब न बुन
कभी हमारी बात भी सुन

थोड़ा ग़म भी उठा प्यारे
फूल चुने हैं ख़ार भी चुन

सुख की नींदें सोने वाले
महरूमी के राग भी सुन