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तब हम कैसे जिएंगे? / विम्मी सदारंगाणी
Kavita Kosh से
राजा कहीं चला गया है।
रानी चुप है।
चिड़िया, तोता, मोर सभी उदास हैं।
नदी सूख गई है।
गुड़िया सो गई है।
राजकुमारी बेहोश है।
राजकुमार मर गया है।
इसलिये कहानी भी रुक गई है।
अब नानी को जगाना ही होगा।
अगर वे भी मर गईं तो
कहानियाँ मर जाएंगी।
तब हम कैसे जिएंगे?
सिन्धी से अनुवाद : स्वयं कवयित्री द्वारा