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तमतै चाले नौकरी म्हारा कौन हवाल / हरियाणवी
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हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
तमतै चाले नौकरी म्हारा कौन हवाल
यो बिडला मेरे मन बसिया
बिडला बिडला के करै री गोरी बिडले ल्यावां दो चार
यो बिडला मेरे मन बसिया
कोठी चावल रै गोरी घी घणा गोरी म्हारी बैठी मौज उडाय
यो बिडला मेरे मन बसिया
चरखा ल्यांदा रै गोरी रांगला पीड़ा लाल गुलाल
यो बिडला मेरे मन बसिया
तकवा ल्यांदा रै गोरी म्हारी सार का कातनी झरोखे दार