तामस कथिक थिक / चन्द्रनाथ मिश्र ‘अमर’
के कहैत अछि खाली महगी बढ़ल जा रहल
सौंसे देश बढ़ल जाइत अछि उन्नत पथ पर
करितहु ई परिवार नियोजन जनसंख्या की थोड़ बढ़ल अछि?
जनसंख्या बढ़ि रहल, किए ने उन्नति कहबै?
भावी कर्णधार सभहिक झोटकी बढ़लनि अछि
वेल-बटम केर घेरा क्रमशः बढ़ले जाइछ
नरसँ अधिक प्रभाव स्वतः नारीक बढ़ल अछि
स्वतन्त्रता सेनानी संख्या वृद्धयुन्मुख अछि
जिला, डिवीजन थाना सहजहि दोगदाग धरि
लोकसभाक सीटमे सेहो वृद्धि भेल अछि
झोंटा-झोंटकीमे अतिशय मे बढ़ल अछि,
जहिना अद्भुत कट दाढ़ीओ मोछ बढ़ल अछि
तहिन सबतरि हुलकल फिरइत अछि स्कूटर सब
सड़क सड़क पर बसक भीड़ से बढ़ल गेल अछि
आ प्रतिसबक माथ पर लोकक बृद्धि निरन्तर
एक मंजिलक बस चलइत अछि बनि दुमंजिला
अहदी लोकक संख्या अपरम्पार बढ़ल अछि
बलात्कार अपहरण कदाचित कतहु होइत छल
आब एकर संख्यामें से विस्तार भेल अछि
घिया-पुताक खेलौन से हथियार भेल अछि
कते गनायब, तस्करीक व्यापार बढ़ल अछि
देशक माथ अपार कर्जहुक भार बढ़ल अछि
गाम गाम चौबट्टि पर बाजार बढ़ल अछि
नीचासँ ऊपर धरि भ्रष्टचार बढ़ल अछि
बाल असलजे घटब बढ़ब संसारक क्रम छै
जते बढ़ल नहि भाग ततेक विभाग बढ़ल अछि
ऐत बढ़ल सब वस्तु परवाहि न ककरो
तखन बढ़ल जँ महगी तँ तामस कथीक थिक?