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तारा‘र सूरज / कन्हैया लाल सेठिया
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रात रै
काळै केसां में
गूंथ्योड़ा
लाखीणां मोती
तारा !
झडूलो उतारयोड़ै
दिन रै माथै पर
कनारी री टोपी
सूरज !