भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

ताल / नंदकिशोर आचार्य

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

घने जंगल में
डूबा हुआ है ताल
         अपने में
सँजोए फूल जो झर गए
अपने गहरे जल में कहीं ।


20 नवम्बर 2009