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ताला / सुधीर कुमार 'प्रोग्रामर'
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हल्का ताला, भारी ताला
हर घर के आगू मतवाला
राजा रहेॅ कि मुंशी लाला
अलग अलग चाभी के ताला
डोॅर बिना जोगै रखवाला।
अपनोॅ मन से कहीं न टसमस
बात सुनै छै चाभी के बस
मंदिर मसजिद सॅे भी पाला
ताला नै भूलै घरबाला।