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तितलियों के देश में / सुरेश विमल

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तितलियों के देश में।

बने फूलों से सभी
घर गाँव होंगे
फूल ही होंगे जहाँ भी
तितलियों के पांव होंगे।

दिशाएँ होंगी महकती
तितलियों के देश में।

फूल की होंगी किताबें
फूल के बस्ते वहाँ
फूल के होंगे खिलौने
बोलते हंसते वहाँ।

हंसी बस होगी खनकती
तितलियों के देश में।