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तिनके ने कहा / महेश उपाध्याय
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मिट्टी ने मेरे पाँवों को
जकड़ रखा है वरना ...
समूचे समुद्र को —
(जिसे तुम आँखें फाड़कर देख रहे हो)
नाप जाता
हिमालय के गाल पर मारता तमाचा
मिट्टी ने मेरे पाँवों को बाँध रखा है
वरना ...