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तिरहुत मइया रामा, मोरंग देसवा ससुरा / भोजपुरी

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तिरहुत मइया रामा, मोरंग देसवा ससुरा, मायापुरवा नगरी,
से हो बसेले बड़ी दूर। भायापुरवा नगरी।।१।।
मररह रे बभना-हजमा तोर जेठ पूतवा, अइसन वर खोजलो में लरिका-नादाने।
अस वर खोजलो में लरिका-नादाने।।२।।
बेचबों चूरापरी, किनबों धेनुगइया, हो रामा, दूधवा पिआई करबों सेआने।
दूधवा पिआई-पिआई के करबों सेआने।।३।।
अंगुरी धराई पियवा के ले गइलों बाजारे, आहो दइया, पूछेला जे हटिया के लोग
आहो दइया, के हउवेंई तोहारे।।४।।
आहो दइया, नइहरे के छोटे भाई, ससुरा के छोटे देवरा।
आहों दइया, सामी त हउवें हमारे, आहो दइया सामी त हउवें हमारे।।५।।
देखिले विदापति सुनहू वृजनारी, धीर धरहू राधे, मिलिहें मुरारि।।६।।