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तीतर नूंवे जमानै रो / कुंदन माली
Kavita Kosh से
सासू रो
भरमायो तीतर
कड़वा बोल
दायजो मांगै
आगै हुकम
दिरावौ पंचां
कांई करां इण
तीतर सागै।