भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
तीन आवाज़ें- आवाज़-एक / अवतार एनगिल
Kavita Kosh से
अरे,ओ
रोशनी की मीनार पर बैठे प्रहरी
पलक मती झपकाना
क्योंकि सागर की लहरों पर
विद्युत रेखाएं लहराते
वे तुम्हारी धरती पर
प्रभुत्व जमाने आयेंगे
वे आयेंगे
और
तेरे सगे वाले
उनकी अगवानी को जायेंगे