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तीन नन्हे बादल गीत / योगेन्द्र दत्त शर्मा

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आसमान में घूम रहे हैं
इंद्र देवता के घोड़े,
सरपट-सरपट चाल दिखाते
खाकर बिजली के कोड़े!

नटखट खूब कुलाँचें भरते
रूप धरे मृग-छौने का,
अलल-अलल पानी लुढ़काते
नभ के भरे भगौने का!

कुछ हल्के-फुलके बादल तो
लगते बिलकुल छुई-मुई,
सूरज-धुनिया भूल गया हो
जैसे अपनी धुनी रुई!