तुमको मुबारक शामिल होना बंजारों में
बस्ती की इज़्ज़त न डुबोना बंजारों में
उनके लिए ये दुनिया एक अजायब घर है
हिर्सो-हवस के बीज न बोना बंजारों में
अपनी उदासी अपने साथ में मत ले जाना
ना-मक़बूल है रोना धोना बंजारों में
उनके यहां ये रात और दिन का फ़र्क़ नहीं है
उनकी आंख से जागना सोना बंजारों में
यकसां और मसावी हिस्सा सबको देना
जो कुछ भी तुम पाना खोना बंजारों में
हिजरत की ख़ुशबू से उनकी रूह बंधी है
हिजरत से बेज़ार न होना बंजारों में।