भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

तुम्हारी तरह / रॉक डाल्टन

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

तुम्हारी तरह मैं भी
प्रेम करता हूँ प्रेम से, ज़िन्दगी,
चीज़ों की मोहक सुगन्ध, और जनवरी
के दिनों के आसमानी रंग के भूदृश्यों से ।

और मेरा भी ख़ून खौल उठता है
और मैं हंसता हूँ आँखों से
जो जानती रही हैं अश्रुग्रन्थियों को ।

मेरा मानना है कि दुनिया ख़ूबसूरत है
और रोटी की तरह कविता भी सबके लिए है ।

और मेरी नसें सिर्फ़ मेरे भीतर नहीं
बल्कि उन लोगों के एक जैसे ख़ून तक भी फैली हैं
जो लड़ते हैं ज़िन्दगी के लिए,
प्रेम,
छोटी-छोटी चीज़ों,
प्राकृतिक भूदृश्यों और रोटी के लिए,

जो कविता है हर किसी की ।
 
अनुवाद मनोज पटेल

अब यही कविता मूल स्पानी भाषा में पढ़ें
(in the original Spanish)

Como Tú
Por Roque Dalton

Yo como tú
amo el amor,
la vida,
el dulce encanto de las cosas
el paisaje celeste de los días de enero.

También mi sangre bulle
y río por los ojos
que han conocido el brote de las lágrimas.
Creo que el mundo es bello,
que la poesía es como el pan,
de todos.

Y que mis venas no terminan en mí,
sino en la sangre unánime
de los que luchan por la vida,
el amor,
las cosas,
el paisaje y el pan,
la poesía de todos.