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तुम्हारे जन्म-दिन पर / दूधनाथ सिंह
Kavita Kosh से
तुम्हारे जन्म-दिन पर आएगी स्वतंत्रता
तुम्हारे जन्म-दिन पर सजेगा लालक़िला
तुम्हारे जन्म-दिन पर ले जाए जाएँगे प्रधानमंत्री ऊपर
बखान करेंगे । सलामी लेंगे । झण्डा खींचेंंगे तिरंगा
तुम्हारे जन्म-दिन पर खूब झमाझम होगी बारिश
झूमेंगे गरजेंगे मेघ
तुम्हारे जन्म-दिन पर ख़ूनी दरवाज़े पर पुलिस का दस्ता होगा
तुम्हारे जन्म-दिन पर पर मारे जाएँगे कश्मीरी दो-चार
तुम्हारे जन्म-दिन पर फिरूँगा अकेला
न जाने कहाँ
कब तक !
तुम्हारे जन्म-दिन पर एक दिन और
बड़ी हो जाओगी तुम
तुम्हारे जन्म-दिन पर ताज़े फूल
बार-बार बासी हो जाएँगे ।
तुम्हारे जन्म-दिन के एक दिन बाद
लौटूँगा
अमर होकर
तुम्हारे
जन्म-दिन पर ।