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तुम्हें संघर्ष करना आना चाहिए / येलेना रेरिख़
Kavita Kosh से
बीहड़ से गुज़रते हाथियों की तरह
झाड़ियों को रौंदते हुए
हटाते हुए पेड़ों को अपने रास्ते से
तुम भी चलो महान् तपस्या की राह पर।
इसलिए तुम्हें
संघर्ष करना आना चाहिए
बहुतों को आमंत्रित किया जाता है ज्ञान-प्राप्ति के लिए
पर बहुत कम हैं जिन्हें ज्ञान प्राप्त होता है हमारे निर्णय-रहस्यों का।
इसलिए तुम्हें
संघर्ष करना आना चाहिए।
तुम देखोगे- किस तरह लांछित होती है मेरी ढाल
देखोगे किस तरह रिक्त हो जाते हैं मेरे भण्डार
तुम उठाओगे अपनी तलवार तब
इसलिए तुम्हें
संघर्ष करना आना चाहिए।
मूल रूसी भाषा से अनुवाद : वरयाम सिंह