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तेरा ही तो हिस्सा हूँ / विज्ञान व्रत
Kavita Kosh से
तेरा ही तो हिस्सा हूँ
ये तू जाने कितना हूँ
अपने हाथों हारा हूँ
वरना किसके बस का हूँ
ख़ुद को ही खो बैठा हूँ
मैं अब क्या खो सकता हूँ
जब से अपने जैसा हूँ
सब कहते हैं, धोखा हूँ
आमादा हूँ जीने पर
और अभी तक ज़िंदा हूँ!