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दंगा / कुंदन अमिताभ
Kavita Kosh से
दंगा देखी केॅ
दंगा झेली केॅ
दंग रहै वाला दिन तेॅ
नै रहलै अबेॅ
उत्पात मारधाड़ आरो
भावना सें खेलवाड़
छुच्छे यहेॅ नै रही गेलै
दंगा केरऽ मतलब
दंगाँ तेॅ सरकार गिरबाबै छै
दंगाँ कुर्सियो दिलबाबै छै
दंगाँ इमेज संवारै छै
दंगाँ कसौटी बनाबै छै
सौंसे देशऽ केॅ हिलोरै छै
जन-जन केॅ तोड़ै छै
समाजऽ में एगऽ गीर्ह छोड़ै छै
दंगाँ परिभाषित करै छै
हर बार दंगा होला पेॅ
हर धरम क हर दिल क
आपनऽ तरीका सें
आरो इ परिभाषा में
मानव मानव कहाँ रहै छै
आदि मानव भी नै
रहै छै खाली वू
सृष्टि केरऽ सब सें
वाहियात आरो घिनौनऽ रूप
जेकरऽ तुलना
केकरौ सें नै करलऽ जाबेॅ पारेॅ
स्वार्थी भेड़ियों सें नै
कैन्हे कि इ तं जानवर छेकै
आरो मानव तखनी
महाजानवर
बनी चुकलऽ रहै छै।