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दर्द बढ़कर फुग़ां न हो जाए / दावत

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दर्द बढ़कर फुगाँ न हो जाए।

ज़िन्दगी इम्तहाँ न हो जाए।।

अब क़फ़स पर हैं बिजलियाँ बेताब।

ये मेरा आशियाँ न हो जाए।।


आह बनकर जो आई है लब तक।

वो दुआ रायगाँ न हो जाए।।

अपने सजदों को रोक लो तनवीर।

आस्ताँ आसमाँ न हो जाए।।