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दर्पण में वह / नंदकिशोर आचार्य
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कोई चेहरा नहीं है
मेरा
दर्पण में वह
दिखता है जो
मैं नहीं दर्पण है—
देखते हुए मुझ को ।
—
2 जनवरी 2010