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दवा / पूजा प्रियम्वदा
Kavita Kosh से
तुम गुम गए
ज्यूं सर्दी की
बारिश से
नर्म धूप
कंधे में
उलझी पड़ी है
तभी से
एक ज़िद्दी नस
तुम्हारे गर्म बोसे
जैसा आराम
क्या देगी
एक आम दवा