भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
दशानन / नरेश मेहन
Kavita Kosh से
सफल
खलनायक
आज हमारा
नायक है।
यही पैमाना हैं
आज सफलता का।
जो सफल है
वही सत्यनिष्ठ है
वही ईमानदार है।
सफल-सुप्रसिद्व लोग
आदर्शविहनीता के
बावजूद
पूजे जाते है।
अब आदर्शों की
सूची नहीं बनती
सिर्फ
सफल लोगों की
सूची बनती है।
इसलिए
अब राम नहीं
सभी दशानन बनना चाहते हैं।