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दशानन / नरेश मेहन

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सफल
खलनायक
आज हमारा
नायक है।
यही पैमाना हैं
आज सफलता का।

जो सफल है
वही सत्यनिष्ठ है
वही ईमानदार है।

सफल-सुप्रसिद्व लोग
आदर्शविहनीता के
बावजूद
पूजे जाते है।

अब आदर्शों की
सूची नहीं बनती
सिर्फ
सफल लोगों की
सूची बनती है।

इसलिए
अब राम नहीं
सभी दशानन बनना चाहते हैं।