भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
दुखड़ा / प्रयाग शुक्ल
Kavita Kosh से
एक शब्द बहुत दिनों बाद
याद आया-’दुखड़ा’
वह भूल चुका हूँ.
लेकिन अक्सर रगों में
वह आता है दु:ख-सा.