भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
दुमका केरोॅ झुमका दियोॅ / प्रदीप प्रभात
Kavita Kosh से
दुमका केरोॅ झुमका दियोॅ,
भागलपुर केरोॅ-कंगना।
मुंगेरोॅ केरोॅ लाही-लैठी,
देवघर के-सिन्दुर।
पटना केरोॅ लाल चुड़ी,
मोकामा के-सैण्डिल।
खेसर केरोॅ बेसर दियोॅ
बनारस के साया-साड़ी।
दिल्ली केरोॅ चुंदरी दियोॅ,
पंजाबोॅ केरोॅ लहंगा।
ई सब पिन्हाय सजना,
सजैय्येॅ दियोॅ हमरा।
सजी-धजी तोरा साथेॅ घुमभौ सजना
भागलपुर, देवघर आरो दुमका।
दुमका केरोॅ झुमका दियोॅ
भागलपुर केरोॅ कंगना।