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दूसरे शब्द / पीटर पाउलसेन / अनिल जनविजय

Kavita Kosh से
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शब्द मेरे पास वापिस लौट आते हैं
और जानना चाहते हैं कि मैंने उनमें क्या अर्थ भरे थे ।

अपनी पूरी सामर्थ्य के साथ मैं उन्हें समझाता हूँ
लेकिन उन्हें समझ में नहीं आती मेरी बात ।

मैं उन्हें दूसरे शब्दों में समझाता हूँ
लेकिन परिणाम वही ढाक के तीन पात ।

वो अविश्वासपूर्वक मुझे घूरते हैं
उन्हें लगता है कि मैं
उनका मज़ाक उड़ा रहा हूँ ।

रूसी भाषा से अनुवाद : अनिल जनविजय

लीजिए, अब यही कविता रूसी भाषा में पढ़िए
              Петера Поульсена  
                 Другие слова

Слова возвращаются ко мне обратно.
Они хотят знать, что я в них вкладывал.

Я объясняю им как могу,
но это их не устраивает.

Я пытаюсь объяснить другими словами.
Все без толку.

Они таращатся на меня с недоверием.
Явно считая,
что я их разыгрываю.