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देखा अदेखा / लीलाधर मंडलोई

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देखा अदेखा

जैसे औरों का मन मेरा भी
मैंने बाघ को देखना चाहा
बाघ की लम्बाई देखनी चाही
बाघ की उड़ान देखनी चाही
बाघ की छलाँग देखनी चाही
बाघ नहीं मिला ढूँढने पर

चौकीदार मेरे साथ था निश्चिंत और निर्द्वंद
मैंने बाघ के पदचिह्न देखे
चौकीदार ने बताया वे पिछले पाँव के हैं
अमूमन ऐसे ही मिलते हैं यहाँ
अगले पाँव के चिह्नों पर पड़ते हैं पिछले पाँव नपे-तुले

इधर देखो ये नरबाघ के चिह्न हैं
ये जो पूरे उचरे हैं मादा के
ये जो थोड़े अनउछरे हैं शावक के
ये जो ज़रा बेहतर हैं युवा के
कल ही रात गुज़रे हैं मस्ती में
आस-पास होंगे कहीं आराम फरमाते

इस समय खोजना-ख़लल डालना ठीक नहीं
मैंने बाघ को नहीं बाघ के पूरे परिवार को अनुभव किया
मैंने कुछ नर चिह्न भी देखे
और अनुभव की बाघ परिवार में
चौकीदार की सतत् मौज़ूदगी
मैंने देखा पहली दफ़ा अदेखा पूरा बाघ परिवार कन्हर में