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देखिए नाज़ से / कैलाश झा 'किंकर'

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देखिए नाज़ से
आप भी आज से।

लग रहे हैं हुजूर
आज नाराज से।

भूत भी भागता
उनकी आवाज़ से।

मुझको मतलब नहीं
तख्त से ताज से।

सावधानी रखें
उस दग़ाबाज़ से।