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देवभूमि त्वे भट्याणी च / अनूप सिंह रावत

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देवभूमि त्वे भट्याणी च,
सूणी ले रे हे दगिड्या,
कब बिटि की धै लगाणी च,
बौडी आवा, लौटी आवा ।1।

तिबारी डिंडाळी भट्याणी च,
उरख्याली-गंज्याली भट्याणी च,
बांजी हूंदी पुंगड़ी भट्याणी च,
डांडी - कांठी भट्याणी च,
बौडी आवा, लौटी आवा ।2।

पहाड़ की रीत भट्याणी च,
बारामासी गीत भट्याणी च,
रौली - गदेरी भट्याणी च,
घासा की घसेरी भट्याणी च,
बौडी आवा, लौटी आवा ।3।

पाणी की पन्देरी भट्याणी च,
घुघुती-हिलांश भट्याणी च,
जन्दुरु-घराट भट्याणी च,
उजड़ी कूडी-छानि भट्याणी च,
बौडी आवा, लौटी आवा ।4।

टेढ़ी-मेढ़ी बाटी भट्याणी च,
ऊँची-नीचि घाटी भट्याणी च,
बसग्याल- ह्युंद-रूडी भट्याणी च,
छुणक्याळी दाथुड़ी भट्याणी च,
बौडी आवा, लौटी आवा ।5।

तांबा की गगरी भट्याणी च,
लोखर की भद्याली भट्याणी च,
फूलों की डाली भट्याणी च,
हैरी भैरी सारी भट्याणी च,
बौडी आवा, लौटी आवा ।6।

भभरांदी आग भट्याणी च,
च्या की केतली भट्याणी च,
फाणु - झोळी भटयाणी च,
कोदा की रोटि भट्याणी च,
बौडी आवा, लौटी आवा ।8।

धार कु मंदिर भट्याणी च,
देवों थौल - जात्रा भट्याणी च,
थौला-मेला भट्याणी च,
देवभूमि त्वे भट्याणी च,
बौडी आवा, लौटी आवा ।9।