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दो मिनट / नोमान शौक़
Kavita Kosh से
हम शपथ लेते हैं
हिंसा से दूर रहने की
अत्याचार और असमानता के ख़िलाफ़
पूरी ईमानदारी से जंग लड़ने की
मौन रखते हैं
दो मिनट का
अनाथ हो चुके होते हैं
बहुत सारे बच्चे
बहुत सारी अपवित्र हो चुकी लड़कियाँ
देख लेती हैं दु:स्वप्न
एक हरामी बच्चे की माँ बनने का
अरबों रूपये निकाले जा चुके होते हैं
धोखाधड़ी से
बहुत सारे लोग
खो देते हैं बहुत-कुछ
बहुत कम समय में
दो मिनट पीछे चलने लगती है
इतिहास की कभी न रुकने वाली घड़ी
केवल दो मिनट !