भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

धर्म / महेन्द्र भटनागर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

प्यार करना

ज़िन्दगी से: जगत से
आदमी का धर्म है !

प्यार करना
मानवों से
मूक पशुओं पक्षियों जल-जन्तुओं से
वन-लताओं से
द्रुमों से
आदमी का धर्म है !

प्यार करना
कलियों और फूलों से
विविध रंगों-सजी-सँवरी
तितलियों से
आदमी का धर्म है !

प्यार करना
इन्द्रजालों से रचे
अद्भुत
विशृंखल-सूत्र
सपनों से,
मधुरतम कल्पनाओं में
गमन करती
सुकोमल-प्राण परियों से
आदमी का धर्म है !