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धोखो / सुरेन्द्र डी सोनी
Kavita Kosh से
म्हैं
खुद नैं
बीं रूप में
कणा ही कबूल करूं नीं
जीं रूप में
म्हैं हूं -
ईं खातर ही
इण भोडै नैं
जको टोटल ही धोळो हो रैयो है
हफ्तै री हफ्तै
करूं काळो टाळ