भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

नए साल में / शेरजंग गर्ग

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

नए साल में ताजे सुंदर फूल खिलेंगे,
नए साल में नए-पुराने मित्र मिलेंगे।
नए साल में भैया-दीदी खूब पढ़ेंगे,
कोई कितनी करे शरारत, नहीं लड़ेंगे।
नए साल में रंग खुशी का चोखा होगा,
नए साल में हर त्यैहार अनोखा होगा।

स्वस्थ रहेगी प्यारी दादी नए साल में,
गुड़िया की भी होगी शादी नए साल में।
अच्छे-अच्छे काम करेंगे नए साल में,
सीधे-सच्चे नहीं डरेंगे नए साल में।
भैया को उग आए दाढ़ी नए साल में,
छुक-छुक चले हमारी गाड़ी नए साल में।