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नहीं बन सकती पुरुष / रंजना जायसवाल
Kavita Kosh से
चेहरे पर
मूँछें उगाकर
सिर पर
बाँधकर पगडी़
पहन कर
पुरुषों के वस्त्र भी
नहीं बन सकती पुरुष
मकई रानी!
नहीं बदल सकती
अपनी नियति
नहीं बचा सकती
ख़ुद को
भूने
पीसे
और सेंके जाने से...।