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नहीं हुआ यकीन / मदन गोपाल लढ़ा

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कसम से
मैं ही हूँ यह
यकीन नहीं ?
पढ़ो
फोटो के पीछे लिखा है
मेरा नाम
नाम के नीचे दिनांक
सचमुच
तब ऐसा ही लगता था मैं।

आईने में झांकते हुए
पूछता हूँ खुद से
आखिर क्यों बदल गया इतना
सहसा
खुद को नहीं हुआ यकीन
अपना फोटो देखकर
पुराने एलबम में।