तुम्हारे होंठों पर मेरे आँसू
जैसे
फूल की पंखुड़ियों पर शबनम
मेरे हाथों में तुम्हारे हाथ
जैसे
समा गया हो सूरज का टुकड़ा
अंधेरी सुरंग में
पर
मेरा मन?
एक वीरान तहख़ाना
बन्द दरवाज़े पर तुम्हारी दस्तक
नाकाम कोशिश।
तुम्हारे होंठों पर मेरे आँसू
जैसे
फूल की पंखुड़ियों पर शबनम
मेरे हाथों में तुम्हारे हाथ
जैसे
समा गया हो सूरज का टुकड़ा
अंधेरी सुरंग में
पर
मेरा मन?
एक वीरान तहख़ाना
बन्द दरवाज़े पर तुम्हारी दस्तक
नाकाम कोशिश।